Akbar Birbal Stories in Hindi

Akbar Birbal Stories in Hindi | Akbar Birbal ki Kahaani

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In this post you will find Akbar Birbal stories in Hindi language. Birbal was the advisor in Akbar’s empire. These Akbar Birbal stories in Hindi along with entertaining kids also give introduction about the wisdom of the Birbal.

मन की उपस्थिति जैसी गुणवत्ता बीरबल को अद्वितीय बनाती है। अकबर और बीरबल की हिंदी कहानियां (Akbar Birbal ki Kahaani) बच्चों में सकारात्मक सोच विकसित करने में मदद करती हैं।


न्याय और सोने का सिक्का | Justice and The Gold Coin Akbar Birbal Stories in Hindi

nyaya aur sone ka sikka

एक दिन, राजा अकबर के दरबार में, राजा अकबर ने बीरबल से पुछा, “यदि आपके पास दो विकल्प हैं, न्याय और सोने का सिक्का, तो आप क्या चुनेंगे?”

इस प्रश्न का जवाब देने के लिए बीरबल ने ज्यादा समय नहीं लिया, उसने तुरंत जवाब दिया, “मैं सोने का सिक्का चुनूंगा”। बीरबल के उत्तर से, राजा अकबर सहित, दरबार में बैठने वाले सभी चकित हुए। सभी ने सोचा कि बीरबल की इस गलती के लिए राजा से बीरबल को कठिन दंड मिलेगा।

राजा अकबर निराश हो गए और उन्होंने बीरबल से पूछा, “न्याय जैसी कीमती वस्तु के सामने आप सोने के सिक्के को क्यों चुनते हैं?”।

बीरबल ने जवाब दिया की, “हुज़ूर, आपके आस्थान में न्याय की कोई कमी नहीं हे और जब तक आप जैसे राजा हे हमें न्याय के बारे में सोचने की आवश्यकता भी नहीं हे। आपके राज्य में हर तरफ नयाँ हे और जो चीज़ मेंरे पास हे मुझे उसे पूछने की आवश्यकता नहीं हे। लेकिन मेरे पास सोने की कमीं हे और उसकी आवश्यकता भी ज्यादा हे। इसी लिए में सोने की सिक्के को चुना “।

राजा अकबर इस उत्तर से प्रसन्न हुए और उन्होंने बीरबुल को 100 सोने के सिक्कों से पुरस्कृत किया।


सम्राट कौन है | Who is the King ? Akbar Birbal Stories in Hindi

samraat kaun hai

एक बार की बात है, जब उन्हें काम के सिलसिले में किसी राज्य का दौरा करना पड़ा तो बीरबल, अकबर के राजदूत बनके उस राज्य गए। उस राज्य के राजा ने कई बार बीरबल के ज्ञान के बारे में सुने थे और उन्होंने बीरबल के ज्ञान का परीक्षण करना चाहा। राजा ने जो कपडे वह पहनते हुए ऐसे ही एक दर्जन कपड़े का इंतज़ाम किया और उन कपडोंको अपने दरबार में उपस्थित लोगो को पहनने के लिए दिया और उन्हें अपने सिंहासन पर बिठाएं।

बीरबल राजा के दरबार में प्रवेश किये तब राजा जैसे दिखने वाले 13 शासकों उनका स्वागत किया।

चतुर बीरबल जानता था कि राजा उसकी परीक्षा ले रहा है। उसने एक चक्कर लगाया और सभी शासकों को एक बार देखा। सभी शासकों को देखने के बाद, बीरबल एक शासक के पास आया और उसे प्रणाम किया।

राजा इस पर चकित था और उसने मन में सोचा की बीरबल कैसे पता चला की में ही राजा हूँ जबकि उसके जैसे दिखने वाले अन्य लोग भी थे।

राजा ने बीरबल से पुछा, “हम पहले कभी नहीं मिले, लेकिन मुझे कैसे पहचाना?”

जिस पर बीरबल ने जवाब दिया, “जब मैंने आसपास आकर सबके चेहरे को देखा, तो आप मुझे देखे बिना सीधे मेरी तरफ देख रहे थे। चेहरे पर आपकी महिमा और आत्मविश्वास ने मुझे आपको पहचानने में मदद की।”।

बीरबल ने उत्तर दिया कि केवल एक सम्राट ही ऐसा व्यवहार कर सकता है। राजा ने बीरबल से कहा, “मैंने आपकी बुद्धि के बारे में सुना था लकिन आज मुझे एहसास हुआ”। राजा ने बीरबल की प्रशंसा की और बीरबल को इनाम दिया।

Akbar Birbal stories in Hindi की तात्पर्य : कई बार हमारी बुद्धि शक्ति हमारे गर्व बचाने में मदद करती हे।


एक और मेहमान | Another Guest Akbar Birbal Ki Kahaani

ek aur mehamaan

एक बार एक धनी व्यक्ति ने भोजन का आयोजन किया और बीरबल को आमंत्रित किया। बीरबल धनी व्यक्ति के घर आया और उसने अन्य अतिथियों को देखा। यह देखकर बीरबल ने धनी व्यक्ति से कहा, “मुझे नहीं पता था कि आपने अन्य मेहमानों को आमंत्रित किया था”।

अमीर आदमी ने जवाब दिया, “नहीं। ये मेहमान नहीं हैं।  ये में कर्मचारी हैं जो हमारे व्यापार का हिस्सा हैं। लेकिन यहाँ इन लोगो में एक आप जैसा मेहमान भी है, क्या आप पता लगाएंगे कि वे कौन हैं?”

बीरबल ने उत्तर दिया, “मैं यह पता लगाने के लिए तैयार हूं कि अतिथि कौन है, लेकिन इसके लिए आपको हम सभी के लिए एक चुटकुला सुनाना पढ़ेगा “।

अमीर आदमी इस के लिए मान गए और उन्होंने एक चुटकुला सुनाया। अमीर आदमी के चुटकुले पर मौजूद सभी लोग हँसी में डूब गए सिवाय एक आदमी के।

जब बीरबल ने यह देखा तो वह तुरंत वहां मौजूद एक व्यक्ति की ओर इशारा करते हुए कहा, “यह आपके अतिथि है “।

यह सुनने के बाद धनि व्यक्ति हैरान हुए और बीरबल से पुछा, “लेकिन आपको कैसे पता चला?”

बीरबल ने उत्तर दिया, “आपने जो चुटकुला सुनाया वह हास्य के लिए काबिले नहीं था लीकन फिर भी आपके कर्मचारी हंसने लगे क्योंकि आप उनके मालिक हे। लेकिन आपके अतिथि उन्होंने नहीं मुस्कुराया और सिर्फ अपना सिर हिलाया “।

यह सुनकर धनि व्यक्ति ने बीरबल के ज्ञान का प्रशंसा की।

यह Akbar Birbal stories in Hindi बीरबल की बुद्धि शक्ति का एक उदाहरण हे।


सिर्फ एक प्रश्न | Only one Question Akbar Birbal Stories in Hindi

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एक बार एक विद्वान अकबर के दरबार में बीरबल की बुद्धि का परीक्षण कर ने के लिए आया। पंडित ने राजा से कहा, “में बहुत जनानी हूँ।  बीरबल मिलाके आपके आस्थान में उपस्थित कोई भी मेरे सवाल का जवाब नहीं दे सकता”।

अकबर ने बीरबल को दरबार में बुलाया और विद्वान से उसका परिचय कराया। बीरबल ने उत्तर दिया कि उसे विद्वानों की चुनौती स्वीकार हे।

पंडित ने बीरबल से पूछा, “मैं आपको विकल्प देता हूं। आप सौ आसान प्रश्नों का उत्तर देना पसंद करेंगे या एक कठिन प्रश्न का उत्तर देना चाहेंगे ?

बीरबल ने कहा कि मैं एक कठिन प्रश्न का उत्तर देना चाहूंगा।

पंडित ने बीरबल से सवाल पुछा, “मुर्गी पहले आया या अंडा पहले आया?”

बीरबल ने कुछ देर सोचा और उत्तर दिया, “पहले मुर्गी आई” ।

पंडित ने फिर से पुछा, “आप इतने विश्वास से कैसे कह सकते हैं?”

बीरबल ने उत्तर दिया, “मैंने एक कठिन प्रश्न का उत्तर देने के प्रस्ताव स्वीकार किया था और मैंने आपके द्वारा पूछे गए एक प्र्श्न का उत्तर पहले से ही दे चुका हूँ “।

पंडित अपनी मूर्खता पर लज्जित हुआ और वहा से चला गया।

यह Akbar Birbal stories in Hindi बीरबल की बुद्धि शक्ति का एक उदाहरण हे।


आधा सूरज, आधा छाया | Half Sun Half Shade – Akbar Birbal stories in Hindi

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एक बार अकबर बीरबल से बहुत नाराज हो गया, उसने बीरबल को हमेशा के लिए अपना राज्य छोड़ने के लिए कहा। कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर, बीरबल राजा के आदेश को निपटाने के लिए एक दूर के गाँव में आ गया।

बीरबल के जाने के बाद राजा अकबर बहुत दुखी हुए। उन्होंने बीरबल को वापस राज्य में लाने का फैसला किया। अकबर ने बीरबल को खोजने के लिए अपने आदमियों को राज्य भर में भेजा। लेकिन किसी को पता नहीं चल पाया कि बीरबल कहां है।

राजा ने बीरबल को वापस लाने के लिए एक एक उपाय किया। राजा अकबर ने घोषणा की कि जो लोग आधी धूप और आधी छांव में राजा से मिलने आएंगे, उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। बहुत लोगों इस चुनौती को स्वीकार किया लेकिन कोई सफल नहीं हुआ।

जब बीरबल को इस बात का पता चला तो उसने अपने पड़ोसियों को बुलाया और उसके सिर पर बुनाई की पलंग रख दी और उसे राजा के दरबार में जाने के लिए कहा। उस आदमी ने बीरबल ने जैसे बताया था वैसा ही किया और इनाम जीत गया।

अकबर ने महसूस किया कि यह उस व्यक्ति का विचार नहीं था, और उसने अपने नौकरों से कहा कि उसका पीछे करें और पता करें की इसके पीछे कौन हे। नौकरों ने उसके गाँव में आकर अकबर को सूचित किया कि गाँव में एक ब्राह्मण कुछ महीनों से है। राजा ने महसूस किया कि ब्राह्मण बीरबल थे। अकबर ने अपने दल को बीरबल को वापस लाने का आदेश दिया और बीरबल को वापस अपने दरबार में बुलाया।

यह Akbar Birbal stories in Hindi बीरबल की बुद्धि शक्ति का एक उदाहरण हे।


बीरबल की पाक कला | Birbal’s Cooking – Akbar Birbal Ki Kahaani

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जाड़े के दिन राजा अकबर और बीरबल झील के पास सैर पर निकले थे। राजा अकबर ने रुककर उबलते पानी में एक उंगली डाली और फौरन बाहर निकाल लिया। राजा अकबर ने कहा, “मुझे लगता है कि कोई भी इस ठंडे पानी में खड़े होकर रात नहीं गुजार सकता”।

राजा अकबर ने कहा कि जो लोग झील के ठंडे पानी में खड़े होकर रात बिताएंगे, उन्हें वह 1000 सोने के सिक्कों का इनाम देंगे। बीरबल ने इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया और कहा कि में इस काम करनेवाला व्यक्ति को ढूंढ कर लाऊंगा।

जल्द ही, उन्हें एक गरीब आदमी मिला जो इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार था। राजा ने उस व्यक्ति पर निगाह रखने के लिए दो पहरेदारों को काम पर रखा और उन्हें रात भर उस आदमी पर नजर रखने को कहा। अगले दिन उस आदमी को दरबार में बुलाया गया गरीब आदमी को इनाम देने के लिए।

राजा ने उस व्यक्ति से पूछा, “तुम पूरी रात ठंडे पानी में कैसे खड़े रहे?”

उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, “मैं वहीं खड़ा होकर दूर से जलता हुआ दीप देख रहा रात बिताया “।

यह सुनकर अकबर ने कहा, “यह आदमी पुरस्कार के योग्य नहीं है, क्योंकि वह दूर में रखे हुए दीप की गर्मी के मदद से झील में खड़ा होने में सक्षम था “।

गरीब व्यक्ति ने यह सुनाने के बाद वह दुखी होकर मदद के लिए बीरबल के पास गया और जो कुछ हुआ था उसने सब बीरबल को समझाया। बीरबल ने वादा किया था कि मैं आपकी समस्या का समाधान करूंगा। अगले दिन बीरबल राजा के दरबार में नहीं आया। राजा अकबर आज दरबार में क्यों नहीं आया यह जानने के लिए बीरबल के घर पहुंचे।

राजा अकबर ने देखा कि बीरबल आग से करीब 5 फीट दूर एक मटका लटकाया हुआ था और वह उसके सामने बैठा था। जब राजा ने इसके बारे में पुछा तब बीरबल ने जवाब दिया, ”मैं खाना बना रहा हूं”।  यह सुनकर अकबर हंसने लगा और कहा कि यह संभव नहीं है।

बीरबल ने उत्तर दिया, “यह संभव है। अगर कोई गरीब आदमी दूर से जलता हुआ दीया देख सकता है और रात भर ठंडे पानी में खड़ा रह सकता है तो मैं भी उसी तरह रसोई बना सकता हूं “।

राजा अकबर को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने तुरंत ही उस गरीब आदमी को उसका पुरस्कृत दिया।

यह Akbar Birbal stories in Hindi बीरबल की बुद्धि शक्ति का एक उदाहरण हे।


मुर्गा और मुर्गी | Rooster and Hens – Akbar Birbal stories in Hindi

murga aur murgi

एक बार,राजा अकबर बीरबल की बुद्धि की परीक्षा लेने का फैसला करता है। वह अपने दरबारियों को बुलाता है और उन्हें योजना समझाता है। सभी को एक अंडा देता है और अगले दिन आने के समय में उन्हें अपने अंडों को एक कपडे में छिपाकर अदालत में लाने के बोलकर उन्हें भेजता है।

अगले दिन, राजा अकबर ने अदालत से कहता हे की वह अपने दरबारियों की ईमानदारी का परीक्षण करने का फैसला किया हे। राजा सभी दरबारियों को पूल में जाकर एक अंडा लेकर आने का आदेश देता हे। राजा कहता है कि जिसे अंडा मिलता है वह इस आस्थान का वफादार है और जिसे अंडा नहीं मिलता वह वफादार नहीं हे।

दरबारी सभी जाते हैं और जो अंडा उन्होंने कपडे में छिपाकर लायेथे उसे लौटाते हैं। सबकी बारी के बाद बीरबल पूल में जाता है और अंडे की तलाश करता है। बीरबल को तालाब में और उसके आसपास कहीं भी अंडा नहीं मिलता है।

बीरबल, मुझे अंडा क्यों नहीं मिला यह सोचते आस्थान लौटता हे। बीरबल ने दरबारियों को मुस्कुराते हुए देखा और यह देखकर बीरबल को सब कुछ समझ में आ जाता है। वह तुरंत अकबर के सिंहासन के पास पहुंचता है और मुर्गा की तरह चिल्लाने शुरू कर देता हे । बीरबल की यह हरकत राजा और दरबारियों को हैरान कर देती है।

राजा अकबर बीरबल से पूछ लेता हे, “तुम ऐसा क्यों कर रहे हो?”

बीरबल यह कहता हे कि, “केवल मुर्गियां ही अंडे देती हैं। सभी दरबारियों ने अंडा प्रस्तुत किया, वे सभी मुर्गियाँ हे। क्योंकि मैं एक मुर्गा हूँ, मैं कोई अंडे नहीं दे सकती थी। जिस पर मैं अपने आप को आपके प्रति वफादार दिखाने के लिए एक मुर्गा की तरह चिल्लाने लगा”।

यह सुनकर अकबर हंसने लगता है। इस तरह बीरबल फिर से अपनी बहुमुखी प्रतिभा साबित करता है।

Akbar Birbal stories in Hindi की तात्पर्य : कई बार हमारी बुद्धि शक्ति हमारे गर्व बचाने में मदद करती हे।


बीरबल की चित्रकला | Birbal’s Drawing – Akbar Birbal stories in Hindi

एक दिन सम्राट अकबर ने अपनी कल्पना का उपयोग करते हुए बीरबल से उसके लिए कुछ पेंट करने के लिए कहता हे। बीरबल राजा अकबर से कहता हे, “हुज़ूर, में सिर्क एक मंत्री हूँ। मुझे चित्रकला के बारे में कुछ भी ज्ञान नहीं हे और में ए काम नहीं कर सकता”।

बीरबल से यह सुनने के बाद राजा अकबर क्रोधित हो जाता है और अगर बीरबल ने एक हफ्ते के अंदर चित्रकला नहीं बनाया तोह उसे फांसी पर चढ़ा देने की धमकी देता है। एक हफ्ते के बाद, बीरबल राजा अकबर को जमीन और आसमान की एक चित्रकला देता हे और बताता हे यह घास खाते हुए एक गाय की चित्रकला हे और इसे बनाने में उसने अपनी सारी कल्पना शक्ति का इस्तेमाल किया हे।

अकबर बीरबल से कहता है कि ,”मुझे इस चित्रकला के बारे में समझ में नहीं आ रहा हे। यहाँ पर घास और गाय दोनों मुझे नहीं दिख रहें हे। क्या तुम इस चित्रकला के बारे में विवरण दे सकते हो?”

बीरबल कहता हैं, “हुज़ूर, गाय ने घास खा ली और वापस अपने चली गई। इसलिए आपको इस चित्रकला में कोई घास या गाय नहीं नज़र आ रहें हे”। अकबर खुश होते है और बीरबल को उसकी बुद्धि शक्ति के लिए उपहार देकर पुरस्कृत करते है।

Akbar Birbal stories in Hindi की तात्पर्य : कई बार हमारी बुद्धि शक्ति हमारे जान बचाने में काम आता हे।


राजा की दाढ़ी | King’s Beard – Akbar Birbal stories in Hindi

एक दिन राजा अकबर ने दरबार में आस्थान में उपस्थित सबसे कहते हे की कल रात किसी ने उसकी मूंछों से एक बाल खींच लिया हे और सबसे यह सलाह पूछते हे कि उस अपराधी के लिए कौन सी सजा देना चाहिए।

राजा से यह सुनने के बाद आस्थान में मौजूद हर कोई हैरान होते है और उस अपराधी को कठिन शिक्षा देने का सुझाव बताते है। राजा अकबर बीरबल की तरफ देखते हे तो बीरबल चुप रहता है। जब सम्राट बीरबल से पूछते है, तो बीरबल उस अपराधी को मिठाई देने का सलाह देता है।

यह सुनने के बाद पूरे आस्थान स्तब्ध हो जाता हे। जब राजा अकबर ने बीरबल को इसका स्पष्टीकरण देने के लिए पूछते हे तो बीरबल आत्मविश्वास से जवाब देता है कि प्रभु अकबर की मूंछें खींचने का साहस और अधिकार सिर्फ उनका पोता को हे इसीलिए उसे मिठाई देना सही शिक्षा होगा।

यह Akbar Birbal stories in Hindi बीरबल की बुद्धि शक्ति का एक उदाहरण हे।


रानी की मजाक | Queen’s Joke – Akbar Birbal stories in Hindi

एक बार राजा अकबर अपने रानी के साथ बगीचे में आराम कर रहें थे। उसी समय एक किसान आकर राजा अकबर को अपनी मूंगफली की फसल देता हे। राजा अकबर अपने शाही रसोइये को बुलाकर उन्हें ये मूंगफली देते है। रसोइये मूंगफली पानी में उबाला और राजा अकबर और उनकी रानी को पूरी मूंगफली परोसी।

राजा अकबर और रानी दोनों मूंगफली को छीलकर खाने लगे। रानी मजाक के मूंगफली के छीलो को राजा अकबर के नज़दीक फेंका । देखने वालों को ऐसा लगा कि सारे मूंगफली को राजा अकबर ने खाया।

इसी बीच बीरबल राजा को प्रणाम करने आ गए। उसने देखा कि राजा और रानी दोनों बगीचे में आराम कर रहे हैं।

रानी ने बीरबल से कहा, “आओ बीरबल, तुम भी हमारे साथ शामिल हों कर इन उबली हुई मूंगफली का स्वाद लो”। राजा के बगल में फेंके हुए छिलकों की तरफ दिखाकर रानी ने कहा, “देखो, तुम्हारे राजा अकबर ने बहुत कुछ खाया है”।

बीरबल ने उन्हें देखा और समझा कि यह रानी मजाक कर रही हे। बीरबल ने कहा, “यह सच है कि मूंगफली स्वादिष्ट है और राजा अकबर ने बहुत खा लिया हे। लेकिन आपने मूंगफली को छिलकों के साथ भी खाया हे, वास्तव में वे स्वादिष्ट हो सकते हैं!”। यह सुनकर तीनों हँस पड़े।

यह Akbar Birbal stories in Hindi बीरबल की बुद्धि शक्ति का एक उदाहरण हे।


Who is the Thief? | चोर कौन है ? – Akbar Birbal stories in Hindi

एक बार राजा अकबर की अंगूठी चोरी हो गई। बीरबल न सोचा की यह काम जो महल के अंदर है उन्होंने ही किया है और उनके अलावा और कोई ये चोरी नहीं कर सकता हे। बीरबल ने चोर को पता करने के लिए एक उपाय के बारे में सोचा।

उसने महल में काम करने वाले सभी लोगों को दरबार में बुलाया। उन्होंने घोषणा की, “अंगूठी चोर अभी हमारे बीच है। लेकिन जो बात चोर को पता नहीं है कि अंगूठी चुराते समय उसकी दाढ़ी में एक छड़ी का टुकड़ा लगा होता है”।

चिपकी हुई छड़ी को खोजने के लिए सभी एक-दूसरे की दाढ़ी देखने लगे। लेकिन एक व्यक्ति तुरंत अपनी दाढ़ी की जांच करने शुरू कर लिया यह देखने के लिए कि कहीं कोई छड़ी तो नहीं है जैसे बीरबल ने बताया और उसे बीरबल ने पकड़ लिया।

बीरबल ने कहा, “तुम्हारे अपराधबोध ने ही तुम्हे चोर साबित करने में काम आये”। उस चोर को राजा अकबर के सामने पेश किया और उसे कठिन शिक्षा की घोषणा की।

Akbar Birbal stories in Hindi की तात्पर्य : सचाई को छुपाना मुश्किल हे।


असली माँ | Real Mother – Akbar Birbal stories in Hindi

एक बार दो महिलाओं ने राजा अकबर के आस्थान पर एक समस्या का परिहार के लिए आये। दोनों महिलाओं ने कहा की उनके पास एक बच्चा है और दोनों उस बच्चे का मां हैं और वे दोनों उस बच्चे को समान रूप में पाना चाहते हैं। यह समस्या अकबर के लिए एक कठिन मामला बन गया और वह इसके परिहार के बारे में सोचने शुरू कर दिया।

उन्होंने बीरबल को बुलाकर मामले को सुलझाने के लिए कहा। फिर बीरबल ने महिलाओं के तरफ देखा और कहा, “मैं इस बात को मानता हूं कि आप दोनों इस बच्चे की माथा हैं। मैं आप दोनों में से किसी को अन्याय होने नहीं दूंगा इसी लिए मैं आपके बच्चे को आधा कर देता हूँ और उसे तुम दोनों को समान रूप से बाँट देता हूँ”।

बीरबल का यह बात सुनकर राजा सहित दरबार में उपस्थित सभी चकित हो गए। समस्या लेकर आये दोनों महिलाओं में से एक महिला फूट-फूट कर रोने लगी। उस महिला ने बीरबल के पास गयी और बीरबल के पैरों पर गिर कर रोने लगी और बिलबाल से मानवी किया की किसी भी कीमत पर बच्चे के साथ ऐसा ना करें। महिला ने कहा कि वह बच्चे को दूसरे महिला को देने के लिए तैयार है लेकिन वह बच्चे को कोई नुकसान मत करें।

बीरबल उस महिला को राजा अकबर के पास ले आये ओर बताया की, “हे प्रभु, यह महिला उस बच्चे की असली माँ है। यही कारण है कि वह इस बच्चे को कोई नुकसान पहुंचते देखना नहीं चाहती। इसी लिए हमें बच्चे को इस महिला के हवाले करना चाहिए”।

यह सुनने के बाद राजा अकबर ने बच्चे को उस महिला को देने का और दूसरे महिला को कठिन शिक्षा देने का आदेश सुनाया।

Akbar Birbal stories in Hindi की तात्पर्य : दूसरो के भावनाओं हे साथ कभी खेलना नहीं चाहिये।


राजा की सुरक्षा | King’s Safety – Akbar Birbal stories in Hindi

उन दिनों राजाओं के लिए अपना भेस बदलके जाकर राज्य में होने वाली घटनाओं का अवलोकन करना एक अभ्यास था। इस प्रकार अकबर भी इस अब्यास को पालन ​​करते थे। वह हमेशा भेष बदलकर अकेले जाते थे और सभी लोग, चीज़े और घटनाओं का अवलोकन करते थे।

लेकिन बीरबल यह सोचते थे कि यह अब्यास उनके लिए सुरक्षित नहीं है। बीरबल ने कई बार राजा को अपने साथ कुछ सैनिकों को भी भेष बदलकर ले जाने का सलाह दिया। लेकिन अकबर यह सलाह नहीं माने और अकेले भेष बदलकर जाना पसंद करते थे।

एक दिन राजा अकबर गांव के आदमी के भेष में अकेले बाहर गए और बीरबल को यह बात पता चल गया।

जब राजा भेष बदलकर उनके राज्य के एक गाँव में घूम रहें थे तब उनके पास एक दाढ़ी वाला आदमी आया। उस आदमी ने राजा से पूछा, “तुम कौन हो और तुम यहाँ हमारे गाँव में क्या कर रहे हो?”

राजा ने कहा, “मैं एक गरीब आदमी हूँ और मैं छोटे छोटे काम करके जीता हूँ। में काम खोजते हुए इस गांव में आया और मुझे यहां बिना किसी परेशानी के रहने का अधिकार है”।

दाढ़ी वाले आदमी ने कहा, “हाँ, तुम यहाँ बिना किसी के अनुमति के रहने का अधिकार के लेकिन तुम्हें हमारे राजा की अंगूठी चुराने का कोई अधिकार नहीं है”।

यह बताते वह दाढ़ी वाला आदमी ने राजा का हाथ से सोने की अँगूठी खींचकर निकाल लिया और वो आदमी वहा से भाग गया। राजा अवाक रह गया।

अगले दिन राजा अकबर ने यह घटना के बारे में अपने आस्थान में उपस्थित सभी लोगो के साथ चर्चा किया।  दिन के उजाले में राजा के लूटे जाने से आस्थान में उपस्थित सभी लोग हैरान हो गए। तब बीरबल अँगूठी लेकर आया और बोला, “हुज़ूर, दाढ़ी वाला आदमी जो चोर के रूप में आया था और आपकी अंगूठी चुराई वो कोई और नहीं में ही था”।

बीरबल ने बताया की मैं आप को सिर्फ यह समझाना चाहता था कि सैनिकों के बिना अकेले जाना आपके लिए कभी भी सुरक्षित नहीं है।

राजा अकबर ने आखिर में समझ ही लिया की अकबर क्या कहना चारहा था। उसके बाद राजा अकबर कभी भी भेष बदलकर अकेले नहीं गए।

Akbar Birbal stories in Hindi की तात्पर्य : जो कोई हमारी भलाई के बारे में सोचते है हमें उनकी आदर करना चाहिए।


तीन प्रश्न | Three Questions – Akbar Birbal stories in Hindi

राजा अकबर को अपने मंत्री बीरबल बहुत प्रिय थे। बीरबल ने एक अकबर के आस्थान के एक दरबारी को बहुत ईर्ष्यालु बना दिया। यह दरबारी बीरबल की मुख्यमंत्री स्थान लेना चाहता था। लेकिन जब तक बीरबल मुख्यमंत्री था तब तक उस दरबारी को यह स्थान मिलना असंभव था।

एक दिन आस्थान में राजा अकबर ने दरबारी के सामने मंत्रि बीरबल की प्रशंसा की। बीरबल की प्रशंसा से दरबारी क्रोधित हुआ और उसने राजा अकबर से कहा कि राजा ने बीरबल की अनुचित प्रशंसा की और यदि बीरबल उसके तीन प्रश्नों का उत्तर दे सकता है, तो वह इस बात को मानने के लिए तैयार है कि बीरबल एक बुद्धिमान है। राजा अकबर और बीरबल दोनों दरबारी का चुनौती स्वीकार किया।

दरबारी ने अपने तीन प्रश्न बीरबल से पुछा।

उसका पहला प्रश्न था, “आकाश में कितने तारे हैं?”

उसका दूसरा प्रश्न था, “पृथ्वी का केंद्र कहाँ है और?”

उसका तीसरा प्रश्न था, “दुनिया में कितने पुरुष और कितनी महिलाएं हैं?”

अकबर ने बीरबल से इन तीन प्रश्नों का उत्तर देने के लिया कहा और बताया की अगर बीरबल इन तीन प्रश्नों का उत्तर नहीं दे सके, तो उसे अपने  मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा।

दरबारी के पूछे हुए पहले प्रश्न का उत्तर देने के लिए, मंत्रि बीरबल ने एक बालों वाली भेड़ ले आए और बताया की, “इस भेड़ के शरीर पर कितने बाल हैं, उतने तारे आसमान में है। अगर आपको कोई अनुमान हे तोह आप खुद गईं सकते है”।

दरबारी के पूछे हुए दूसरे प्रश्न का उत्तर देने के लिए, मंत्रि बीरबल ने ज़मीन पर कुछ रेखाएँ खींची और बीच में एक लोहे की छड़ बाँध दी और बताया, “यह पृथ्वी का केंद्र बिंदु है। अगर तुम्हे कोई अनुमान हे तो इसे स्वयं माप कर देख सकते हो”।

दरबारी के पूछे हुए तीसरे प्रश्न का उत्तर देने के लिए, मंत्रि बीरबल ने कहा, “दुनिया में पुरुषों और महिलाओं की सही संख्या बताने में समस्या है क्योंकि इस दुनिया में पुरुष और महिलावोंके अलावा कुछ दरबारी मित्र जैसे नमूने भी मौजूद है। दरबारी जैसे लोगों को आसानी से वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है। इसलिए अगर उसके जैसे सभी लोगों को मार दिया जाता है, तभी हम पुरुष और महिला की सही संख्या गिनती कर सकते है”।

बीरबल के इन जवाबो से राजा अकबर खुश हुए और दरबारी का मुँह बिछड़ गया। दरबारी ने बीरबल से माफ़ी माँगा और बताया की आप सच में बुद्धिमान व्यक्ति है और इस मुख्यमंत्री स्थान के लिए काबिल भी है।

Akbar Birbal stories in Hindi की तात्पर्य : हमें अपनी ज्ञान पर गर्व रहना चाहिए नाकि अहंकार।


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